संदीप कुमार मिश्र,लखीमपुर खीरी / पंचायत चुनाव की रणभेरी बजने के साथ गांवों में मन्द-मन्द बहने वाली चुनावी बयार अब तेज हो गई है।सुबह होते ही उम्मीदवार मतदाता को घर पर ही घेर लेते हैं।यहीं से शुरू होता है मान मनौव्वल का दौर साथ ही अपनी जीत पक्की का दावा।वैसे आ धमकने का कोई समय नहीं है आधी रात को भी।किसी सम्बन्धी या रिश्तेदार को लेकर ताकि प्रभाव बने।यही नहीं उम्मीदवार अपने परिचित पडोसी जनपदों तक के रिश्तेदारों को भी ला रहे हैं । पूर्व व निवर्तमान जनप्रतिनिधि उम्मीदवार जहाँ कराए गए कामों का हवाला दे रहे हैं वहीँ नए तस्वीर बदलने का वादा कर रहे हैं।नए उम्मीदवार पुरानों पर तरह-तरह के आरोप लगा रहे हैं।नए उम्मीदवार अपने लिए सेवा का एक मौका मांग कर विकास की गंगा बहाने के वादे पर चुनावी वैतरणी पार करने का सपना देख रहे हैं।कई जगह अपने कार्यकाल में कराए गए काम गिनाकर निवर्तमान अपने लिए एक मौका और मांगते दिख रहे हैं।यहां तक कि जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के मुकाबले काफी बड़े-बड़े वादे भी कर रहे हैं। ‘भाग्यविधाता’के ‘चरण पखारने’ का दौर भी अब पूरे सबाब पर है।वैसे तो भावी उम्मीदवारों की दुआ बंदगी के ढंग से ही लोग उनकी उम्मीदवारी पर पहले ही मुहर लगा चुके हैं अब मुहर को बैलेट की कसौटी पर परखने के लिए तय तिथि का इंतजार है। कमोवेश कुछ ऐसा ही हाल ग्राम प्रधान पद का चुनाव लड़ने वाले दावेदारों का भी है।इसी बीच ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत सदस्य पद के लिए आरक्षण सूची भी जारी हो चुकी है। इन पदों पर चुनाव लड़ने के इच्छुक भी दिन-रात मेहनत कर रहे हैं।वहीं कुछ इच्छुक अभी भी जनता के बीच पहुंचकर नब्ज टटोल रहे हैं।फिलहाल जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू होने के साथ जिले में चुनाव प्रचार चरम पर है।उम्मीदवार मतदाताओं को रिझाने के लिए तरह-तरह के लोक लुभावने वादे कर रहे हैं।