लखीमपुर खीरी /
माँ- बाप
माँ -बाप से बड़ा कोई भगवान नहीं है
भगवान -से बड़ा कोई इंसान नहीं है |
पैदा किया है तुमको जिसने चलना सिखाया
खुद – भूखी रह के माँ ने तुझे – दूध पिलाया |
दर्दे- जिगर में रख के माँ तो मुस्कुरा रही
थपकी- लगा के तुमको लोरिया सुना रही |
ऊगली पकड़ रोज तुम्हे चलना सिखाया
गर पाँव लड़खड़ाये तो संभलना सिखाया |
पौधे की तरह सींच के तुमको किया बड़ा
पढ़ा- लिखा के तेरे पैरो पर किया खड़ा |
माँ बाप के तुझपे असंख्यों कर्ज बन रहे
तुमको अदा करने के सारे फर्ज बन रहे |
माँ- बाप की ख़ुशी में तेरे है सभी जहाँ
खुशियो के सारे रंग बरसने लगे वहाँ |
माँ बाप का भूले से कभी दिल न दुखाना
सेवा में माँ की रहता है जन्नत का खजाना ।